क्या आपको बेसन और सूजी से बनी चीजों को खाते ही सीने में जलन होने लगती है? ऐसे में आपको बेसन और सूजी को इन स्थितियों में खाने से बचना चाहिए।
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हलवा, चीला, पकोड़े और ढोकला, ऐसे कई प्रकार के पकवाना हैं जो कि बेसन और सूजी से बनाए जाते हैं। कई बार तो हम अपने पसंदीदा चटपटी चीजों की कल्पना इनके बिना कर ही नहीं सकते।
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पर क्या सूजी और बेसन का सेवन हर स्थिति में और हर समय फायदेमंद है? दरअसल, कुछ लोग बेसन और सूजी को खाने के बाद पेट फूलने, एसिडिटी और बदहजमी की भी शिकायत करते हैं। साथ ही जिन लोगों को इनसे एलर्जी होती है वे भी कुछ अन्य लक्षणों की शिकायत करते हैं।
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असल में ये बेसन और सूजी खाने के नुकसान हैं (besan suji side effects) जिन्हें अक्सर हम पहचान नहीं पाते। दरअसल, होता ये है कि बेसन और सूजी दोनों ही फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं।
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जब हम इन्हें ज्यादा मात्रा में लेते हैं तो ये हमारे मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है और नॉर्मल चीजों की तुलना में इन्हें पचाने में ज्यादा समय ले लेता है।
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तो, आज हम आपको ऐसी 5 स्थितियों के बारे में बताएंगे, जिसमें आपको बेसन और सूजी लेने से बचना चाहिए।
👉👉👉👉👉👉👉👉आगे पढ़िए… 👈👈👈👈👈👈👈👈
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When we should not have besan suji in our diet: कब ना करें बेसन और सूजी का सेवन
1. कब्ज होने पर
👉 कब्ज की समस्या से हम में से ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं और बेसन व सूजी का सेवन इस परेशानी को और बढ़ा सकती है। दरअसल, बेसन फाइबर का अच्छा स्रोत होता है। 👈
👉 और अगर फाइबर का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो यह पेट के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। 👈
👉 बेसन एंटीन्यूट्रिएंट है और शरीर में बाकी न्यूट्रिएंट्स के अवशोषण को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही इसके साथ पर्याप्त पानी ना पीने से ये शरीर में पानी की कमी पैदा करता है। 👈
👉 जिससे मल सूख जाता है और कब्ज की समस्या हो जाती है। ऐसी ही कुछ सूजी के साथ है। सूजी पानी सोखने लगता है और जब आप इसे ज्यादा मात्रा में खाते हैं तो ये पाचन क्रिया को बांधने लगता है और कब्ज की समस्या हो जाती है। 👈
2. खाली पेट
👉 खाली पेट बेसन और सूजी का सेवन कई तरह से फायदेमंद नहीं है। दरअसल, पहले तो ये पेट के पीएच और अस्तर को बिगाड़ता है। दूसरा मेटाबोलिज्म धीमा करता है और दिन भर की भूख को रोक देता है। 👈
👉 साथ ही सुबह-सुबह भारी मात्रा में इनका फाइबर और प्रोटीन लेने से सुस्ती महसूस होती है और दिन भर आलस महसूस होता है। 👈
👉 इसलिए सुबह-सुबह खाली पेट बेसन और सूजी से बनी चीजों की जगह रागी और ओट्स से बनी चीजों को खाना ज्यादा पसंद करें। 👈
👉 इसके अलावा आप फस, स्मूदी और दलिया आदि को भी अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं। 👈
3. लो ब्लड शुगर वाले लोगों को
👉 सूजी फाइबर से भरपूर होती है, जो ब्लज नियंत्रण के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। 👈
👉 फाइबर आपके रक्त प्रवाह में कार्बोस के अवशोषण को धीमा कर देता है और भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्पाइक्स को नियंत्रित करने में मदद करता है। 👈
👉 इसी तरह चने का बेसन डायबिटीज वालों के लिए फायदेमंद है क्योंकि उसमें भी फाइबर है जो कि ब्लड शुगर को संतुलित करने में मददगार है। 👈
👉 पर जिन लोगों को लो ब्लड शुगर की समस्या होती है उन्हें इसका रेगुलर सेवन करना शरीर में कई सारी अन्य परेशानियों को जन्म दे सकता है। 👈
👉 जैसे कि चक्कर आना, ताकत की कमी और काम करने में परेशानी आदि। 👈
4. एसिडिटी और ब्लॉटिंग में
👉 बेसन और सूजी खाने पर बहुत से लोगों को एसिडिटी और ब्लॉटिंग की समस्या होती है। 👈
👉 जी हां, जब आप ज्यादा मात्रा में बेसन और सूजी से बनी चीजों को खाते हैं तो, पहले तो ये मेटाबोलिज्म को स्लो कर देता है और पेट को लंबे समय तक भरा-भरा रखता है। 👈
👉 इसके अलावा बेसन और सूजी से बनी चीजों को खाने के बाद पानी पीने की ज्यादा जरूरत महसूस होती है। 👈
👉 और जब हम ऐसा नहीं करते और एक के बाद एक चीजें खाते जाते हैं तो हमें एसिडिटी और ब्लॉटिंग की समस्या हो जाती है। 👈
5. एलर्जी होने पर
👉 अगर आपको गेहूं से एलर्जी है, तो आपको सूजी से बनी या बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। 👈
👉 ऐसे में आपको पित्ती, नाक बहना, छींकना, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी या अस्थमा जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। 👈
👉 इसी तरह ग्लूटेन सेंसिटिविटी और सीलिएक रोग है में सूजी का सेवन पेट में दर्द, पुराने दस्त, सूजन या कब्ज का अनुभव करवा सकता है। 👈
👉 वहीं, कुछ लोगों को बेसन से एलर्जी होती है जिसमें खाने के बाद त्वचा पर लाल चकत्ते और पित्ती आदि की समस्या होती है। 👈
👉 इस तरह आपको इन स्थितियों में बेसन और सूजी से बने पकवानों को खाने से बचना चाहिए। साथ ही आज कल मिलावटी बेसन और सूजी बाजार में बढ़ गए हैं जिसकी वजह से इन्हें खाने के बाद सेहत से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं। 👈
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